RANI RUDABAI - EK VIRANGANA..
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15 वी शताब्दी का वो दौर था, हर तरफ तप्ति बंजर धरती और पिने को पानी की एक-एक बून्द की तड़प गुजरात के हर इंसान को झंझोड़ कर रख देती थी। ना तो इंद्र का आशीर्वाद,नाही कुदरत का रहम गुजरात वासियो को प्राप्त था। हर तरफ एक अनकही सी खामोशी और पानी की एक झलक को तड़पती आँखे थी। अहमदावाद के पास 'अडालज' नाम एक गाँव है जो की प्राचीन काल में 'दांडई देश' के नाम से जाना जाता था। वहाँ के शासक "राजा वीरसिंह वाघेला"अपनी प्रजा के हित का बेहद ख़याल रखते थे। उन्होंने "अडालज वाव" (बावड़ी) का निर्माण कराने का फैसला लिया ताकि प्रजा को पानी की कमी से बचाया जा सके। पर दुर्भाग्य था राजा साहब का, एक दिन "महमूद बेगड़ा" जो की मुस्लिम शासक थे उन्होंने राजा वीरसिंह के राज्य पर हमला किया जिसमे राजा वीरसिंह वीरगति को प्राप्त हुए। अब अडालज पर महमूद बेगड़ा की सल्तनत स्थापित हुई। राजा वीरसिंह वाघेला की "रानी रुदाबाई" खूबसूरती की अद्भुत मिसाल थीं, और इसी कारन वो मेहमू...